प्रशिक्षण के सुगम संचालनार्थ वर्ष के प्रारम्भ में अधिकारियों/कर्मचारियों एवं कृषको के प्रशिक्षण हेतु एक वर्ष का प्रशिक्षण कैलेण्डर तैयार कर उसके अनुरुप प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाया जाता है जिसे गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग विभाग के उच्चाधिकारियों को भेज कर प्रशिक्षणार्थियों को आमंत्रित किया जाता है।
प्रशिक्षण वार्ता हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम बनाकर वैज्ञानिकों को आमंत्रित किया जाता है। अधिकारियों/कर्मचारियों का प्रशिक्षण मुख्यालय व केन्द्रों पर आयोजित किया जाता है तथा कृषकों का प्रशिक्षण चीनी मिल गेट, सहकारी गन्ना विकास समिति, गन्ना विकास परिषद एवं ग्राम स्तर पर आयोजित किया जाता है। अधिकारियों/कर्मचारियों/ कृषकों की उपस्थिति पंजिका में दर्ज की जाती है। साहित्य पम्फलेट्स, पुस्तिका एवं वार्ता की पाण्डुलिपियॉ भी बितरित की जाती है। अतिथि वार्ताकारों को आमंत्रित करने पर मानदेय एवं यात्रा भत्ता भी भुगतान किया जाता है।
लेखानुभाग में पत्रावली/बिल आदि का परीक्षण कर संबंधित सहायक द्वारा प्रस्तुत किया जाता है तथा लेखाकार एवं सहायक लेखाधिकारी व लेखाधिकारी द्वारा उसकी जॉचोपरान्त उप निदेशक/निदेशक स्तर पर पारण किया जाता है।
स्थापन अनुभाग से सम्बन्धित प्रकरण पर टिप्पणी पत्रावली में स्थापन सहायक द्वारा सम्बन्धित शासनादेश व सेवानियमावली के नियमों की परिधि में प्रस्तुत की जाती है तथा सहायक स्थापन अधिकारी व सहायक निदेशक प्रशासन द्वारा परीक्षणोपरान्त संस्तुति दी जाती है। तदोपरान्त उप निदेशक/ निदेशक/अध्यक्ष स्तर से आदेश प्राप्त होते हैं।
प्रकाशन अनुभाग में गन्ना एवं अन्य फसलों के संबंध में विषय विशेषज्ञ /वैज्ञानिकों /अनुभवी कृषकों से लिखित सामग्री प्राप्त की जाती है, जिसे पम्फलेट्स तथा पुस्तक के रुप में संकलित कर प्रेस से छपाया जाता है। किसानों को पम्फलेट्स निशुल्क वितरित किये जाते हैं तथा संस्थान द्वारा प्रकाशित ''गन्ने की आधुनिक व्यावहारिक खेती'' नामक पुस्तक समूल्य उपलब्ध करायी जाती है।